Priyanka06

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लेखनी कहानी -29-Apr-2022 उम्र का दराज

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-उम्र का दराज

कल तक किसी के कपड़े सीले,
आज खुद कपड़े फटे पहने,
यह  उम्र का दराज।
कल तक धावक बनकर दौड़ते,
आज खुद चल भी नहीं पाते,
यह उम्र का दराज।

कल तक शेफ बनकर खाना बनाते,
आज खुद खा भी नहीं पाते,
यह उम्र का दराज।
कल तक सबके घर बनाते ,
आज हम वृद्ध आश्रम में रहते,
यह उम्र का दराज।

कल तक सब को ठीक करते
आज खुद को ठीक नहीं कर पाते
यह उम्र का दराज।

कल तक सब को पढ़ाते,
आज खुद नहीं पढ़ पाते,
यह उम्र का दराज।

कब तक दूसरों के लिए लड़ते,
आज खुद के लिए नहीं लड़ पाते,
यह उम्र का दराज।
कल तक पंजा लड़ाते,
आज चींटी भी नहीं मार पाते,
यह उम्र का दराज।

यह उम्र का दराज।
यह उम्र का दराज।।


# नॉनस्टॉप प्रतियोगिता 2022#
पार्ट-3


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6 Comments

बहुत ही मार्मिक सृजन

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Abhinav ji

29-Apr-2022 11:56 PM

Very nice👍

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Fareha Sameen

29-Apr-2022 09:57 PM

बहुत अच्छा लिखा है

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